Helping. Healing. Caring
There can be no keener revelation of a society's soul
than the way in which it treats its children.
Give Respectful Life to Women
Help Unpreviliaged and Adivashi Women to become self dependent!
हाल एवं गार्डन
All children deserve to live in safe, nurturing homes
where they can feel valued and loved.
माँ कामाख्या देवी मंदिर का निर्माण
महाराणा सेवा संस्था का उद्देश्य वृद्धाश्रम एवं अनाथ आश्रम के साथ परिसर में भव्य मंदिर का निर्माण करेगा जिससे वह के रहने वाले सभी बुजुर्ग एवं बच्चे माँ के प्रेम भावना एवं भक्ति के रूप में हमेशा जुड़ा रहे और मनोबल बढ़ता रहे।
राशि एकत्रित का स्रोत
महाराणा सेवा संस्था वृद्धाश्रम, अनाथ आश्रम एवं मंदिर निर्माण हेतु सम्पूर्ण भारत के विभिन्न राज्य, शहर, जिले, तहसील एवं ग्रामीण क्षेत्रो से इस योजना को सफलता बनाने के लिए डोनेशन/दान के माध्यम से राशी एकत्रित करेगा ।.
महाराणा सेवा संस्था
बाल श्रमिकों को मुक्त कराना व उन्हें शिक्षा एवं व्यावसायिक परीक्षण देना एवं श्रमिकों को तकनिकी शिक्षा प्रदान करना | बालक–बालिकाओ की उत्तम शिक्षा हेतु विद्यालय खोलना, ज्ञान विज्ञान, शिक्षा एवं परीक्षण विस्तार की उत्तम व्यवस्था करना | गरीब, निराश्रित, पीड़ित, फुटपाथी, सड़कों पर घूमने वाले, आदिवासी एवं पिछड़े वर्ग आदि के बच्चों एवं महिलाओं हेतु आश्रम, केंद्र खोलना एवं उन्हें आत्मनिर्भर बनाना एवं उनके जीवन स्तर में सुधर का प्रयास करना | बाल कल्याण हेतु बालवाड़ी, आंगनवाड़ी, झूलाघर, नर्सरी, प्रौढ़शिक्षा, सत्त शिक्षा एवं ओपन विद्यालय शासन के सहयोग से खोलना, उनकी संस्थाओं एवं गतिविधियों का संचालन | शैक्षिणिक सामग्रीयों का वितरण | महिला मण्डल एवं युवक मण्डल का गठन कर व्यावसायिक एवं सांस्कृतिक परीक्षण देना | बालक-बालिकाओ एवं युवक-युवतियों के शारीरिक एवं मानसिक विकास हेतु कार्य करना |
हमारा विज़न
हमारा मिशन
संस्था के उद्देश्य
- पर्यावरण, शिक्षा और ग्रामीण पर काम करना विकास गतिविधियों।
- संगठन के विकास कार्यक्रमों में सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए आर्थिक बेहतरी के लिए महिलाओं और बच्चों को व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए लक्षित करना।
- सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे में जनता को जागरूक करना ताकि लोग कार्यक्रम का लाभ उठा सकें।
- सामाजिक एकजुटता के माध्यम से पर्यावरण विकास कार्यक्रम शुरू करना और लोगों को शौचालयों का लाभ उठाने के लिए प्रेरित करना और खुले मैदान में शौच के लिए लोगों को हतोत्साहित करना।
- आदिवासियों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों और अनुसूचित जातियों को उनके सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक विकास के लिए विशेष रूप से लक्षित करना और उन्हें मुफ्त कानूनी सलाह प्रदान करना।
- विभिन्न माध्यमों एवं माध्यमों से राष्ट्रीय एकता एवं सद्भाव के लिए कार्य करना।
- ऐसे सभी कार्य एवं गतिविधियाँ करना जो जरूरतमंद समुदाय के विकास के लिए लाभकारी हो।
- आय सृजन गतिविधियों के माध्यम से महिला सशक्तिकरण।
- कृषि और कृषि-आधारित औद्योगिक गतिविधि के विविधीकरण के आधार पर लघु उद्यम विकास गतिविधियों के माध्यम से महिलाओं की क्षमता निर्माण और सामूहिक ग्रामीण उद्यमिता विकसित करना।
- समाज के लक्ष्य को आगे बढ़ाने के लिए उपयुक्त साहित्य प्रकाशित करना।
- गरीबों और वंचितों, विशेषकर महिलाओं को समुदाय-आधारित समूहों में संगठित करके उनकी आर्थिक और सामाजिक समस्याओं पर काम करना।
- ग्रामीण क्षेत्रों में साक्षरता जागरूकता कार्यक्रमों को बढ़ावा देना।
- स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम चलाने के लिए स्वास्थ्य जांच शिविर भी आयोजित करें।
- पर्यावरणीय मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और पर्यावरण संरक्षण, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और जलवायु नियंत्रण के लिए काम करना।
- औपचारिक और नवीन गैर-औपचारिक कार्यक्रमों के माध्यम से आदिवासी और अन्य हाशिये पर रहने वाले वर्गों में शिक्षा प्रदान करना।
- सामाजिक न्याय को बढ़ावा देकर मानवतावाद की संस्कृति स्थापित करना और जनहित मुकदमेबाजी और वकालत के माध्यम से समाज के वंचित वर्गों के लिए अधिकार सुरक्षित करना।
- स्थानीय स्वशासन के संबंध में जानकारी और ज्ञान प्रदान करके महिलाओं को सशक्त बनाना और क्षमता निर्माण करना।
- स्वयंसेवकों और जनता की सहायता और समर्थन से स्थानीय स्तर पर समुदाय को शिक्षित करना।
हमारा प्रभाव
मदद करने की इच्छा है ? प्रायोजक या दान करें!
महाराणा सेवा संस्था गरीब बच्चों की मदद के लिए अथक प्रयास कर रही है। हमारा मकसद सिर्फ बच्चों की मदद करने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि उन्हें शिक्षित करना और उन्हें बेहतर और सम्मानजनक जीवन जीने के लिए आत्मनिर्भर बनाना भी है।
कार्य क्षेत्र
संगठन का मूल उद्देश्य उन ग्रामीण और आदिवासी परिवारों की शिक्षा प्रणाली का संचालन और समर्थन करना है जो अपने लिए असीमित चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। संगठन वर्तमान में ग्रामीण विकास कार्यक्रम, महिला स्वयं सहायता समूहों के शैक्षिक विकास संवर्धन, बाल विवाह की रोकथाम, नेतृत्व विकास, पर्यावरण जागरूकता सृजन कार्यक्रम, महिलाओं के लिए आय सृजन गतिविधियां, अनुसंधान और मूल्यांकन अध्ययन जैसी विभिन्न परियोजनाओं को लागू करने के कार्य में लगा हुआ है।
संचालन के भौगोलिक क्षेत्र
जीवन परिचय ओर सेवा का संकल्प :
महाराणा सेवा संस्था के संस्था प्रमुख महिपाल सिंह पिंजराया ने अपने जीवन से सिख कर मानव सेवा का संकल्प लिया, उन्होने जिंदगी में ऐसे कई दिन देखे जो वें दूसरों की जिंदगी में नही देखना चाहते, इस क्रम में उनके बारे में कुछ सच्ची घटनाए जिनके कारण ही परिस्थितियों नें उनकी जिंदगी को बदल कर रख दिया।
महिपाल सिंह पिंजराया का जन्म 4/4/1994 को जिला मुख्यालय धार के सरकारी हॉस्पिटल के कमरा नम्बर 05 में हुआ था, बचपन से उनको एकांत वातावरण पसन्द था बाल्यकाल से ही देवी-देवताओं की दैवीय शक्तियों के बारे में जानने में जिज्ञासा में लिप्त रहकर अपना बचपन का समय बिताया, इसी दौरान 3 मार्च 1998 में उनके पिता ठाकुर समंदर सिंह पिंजराया का स्वर्गवास हो गया, महिपाल उस समय बहुत छोटी सी उम्र के थे, पर उन्हें उनकें पिता के गुजर जानें के बाद महसूस हुआ कि जीवन में पिता का अस्तित्व ठीक उसी प्रकार होता है जैसे की पांच उँगलियों में से अंगूठा काट दिया जाए तो हाथ किसी काम का नही होता।
समय की बहती धारा के साथ बालक महिपाल अपनें भय्या-भाभी के साथ रहकर आगे की पढ़ाई करने लगें, लेकिन पढ़ाई में मन न लगनें के कारण सदैव असफल रहे, पिता की बातें और उनकी यादो के साथ उनकी कमी का ऐहसास निरंतर होता रहता था, लगता ऐसा था मानों महिपाल जैसे अनाथ सा हो गया हो, अनाथ की परिभाषा क्या होती है में इस सयम अच्छे से जानता हूं, परिवार में पूरे कुनबे के पास अधिक धन संपदा होने के बाद भी उनकें पास प्यार नही था, उन्होनें लोगो मे प्यार देखना शुरू किया, पर हर जगह से धोखा ही धोखा मिला, परिवार के सारें सदस्य बस बड़ी-बड़ी बात करते थे पर साथ कोई नही देता था।
फिर भी लाचार बच्चा महिपाल जाता भी तो कंहा रहना तो घर में ही था, समय के बहाव के साथ ही छोटे से बच्चे महिपाल पर बाल्यकाल में ही कई गंभीर आरोप लगा दिए गए, कभी चोरी का तो कभी फालतू के मनगढंत आरोप, फिर भी आँख से आँसू बाहर नही आये, अब वही छोटा सा बालक महिपाल युवावस्था की ओर अग्रसर हुवा। महिपाल नें अपनें बड़े पिताजी के लड़के में अपना पिता देखना शुरू किया, मन ही मन सोचा की ये मुझे प्यार देंगे लेकिन उनको भी जिम्मेदारी अधिक होनें के कारण वो ध्यान नही दे पाए और अपनी जिंदगी में वें खुश रहने लगे, उनकी सोच और मेरी सोच में अंतर सा था। मुझे अपने पिता की बात याद थी तो में उसी रास्ते पर जाना चाह रहा था चलना चाह रहा था, लेकिन एक समय ऐसा आया कि अचानक ही नादान बालक महिपाल ग्राम पंचायत में उपसरपंच बन गया, अनुभव की कमी और सही व्यक्ति का साथ ना मिलने से उसमे भी कई मर्तबा असफल रहा, लेकिन फिर भी कभी हार नही मानी, महामहिम राष्ट्रपति प्रतिभादेवी पाटिल द्वारा ग्राम पंचायत पिंजराया में जनहितैषी कार्यों व आदर्श ग्राम पंचायत के लिए सम्मान किया गया, साथ ही राजनीति में प्रवेश किया लेकिन राजनीति मेरा लक्ष्य नही था, समाज सेवा मेरा उद्देश्य था।
बाद में कई पद पर रहा सांसद प्रतिनिधि, विधायक प्रतिनिधि, सरपंच संघ भोपाल जिला अध्यक्ष और कई पद पर रहकर अपना, पिता ओर जन्मभूमि का नाम रोशन करने का संकल्प लिया, फिर परिवार की बात और उनके लगायें निराधार आरोप से उभर कर आगे बडने में कई दिक्कते आने लगी, लेकिन साहस ओर सोच बड़ी होने के कारण आगे बड़ने में समस्या कम होने लगी, फिर प्रख्यात संत श्री भय्यूजी महाराज के पास जाकर अपनी समस्या रखी कि ऐसे समय मे क्या करना चाहिए, भय्यूजी महराज ने एक मंत्र दिया जहाँ क़द्र नही वहां जाना नही साथ ही ये भी कहा दुनिया का काम है कहना आप का काम है कर्म करना, जिसको जो कहना है कहे आप अपने काम पर ध्यान दे उसी बात को ध्यान रखते हुवे आगे बड़े। वर्ष 2015-2016 में आर्थिक स्थितिअत्यधिक कमजोर हो गई। आमदनी से अधिक खर्च करने से समय ऐसा आ गया जैसे मैनें अपनी पूरी जिंदगी खो दी हो, आर्थिक स्थिति कमजोर होने से मानसिक सोच पर बड़ा असर पड़ा, लगने लगा कि एक तरफ नाम कमाया दूसरी तरफ ऐसे दिन, फिर भी हार नही मानी उसी दौरान प.कमल किशोर जी नागर को अपनी सारी बात बताई उन्हीने एक शब्द में अभी प्रश्न का उत्तर दिया ईश्वर हमेशा परीक्षा लेता है पास होना या फेल होना आप के हाथ मे फिर से एक नई ऊर्जा आई और एक नही सोच लेकिन परिवार रिश्तेदार कहा चुप बैठने वाले थे वो मुझे गिराने में आरोप लगाने में इतने ज्यादा सक्रिय हो गये की ऐसा समय भी आया कि में अपनी जिंदगी खत्म कर लूं |
उसी दौरान कई आरोप परिवार वाले बदनाम करने लग गए लेकिन सोच एक ही थी एक दिन ऐसा वक्त ला ऊगा की यही लोग दुनिया मे सब से पिछे होंगे फिर मन मे एक ओर सोच ने जन्म लिया खून के रिश्ते कभी काम नही आते अनजान रिश्ते काम आते हैं इसी रूप में आगे बडे तो कई नये मित्र मिले उनसे हमेशा सिखते रहे फिर राजवीर ट्रस्ट मानव सेवा बना कर लोगो की मद्त करने लगें जब मैने सोचा कि मेरे जैसे इंसान जिसका बस पिता नही है बाकी पूरा परिवार है जब मेरे साथ ये हो सख्ता है तो उस अनाथ बच्चे का किया होता होगा जिसका इस दुनिया मे कोई नही है सोच हर तरह से परिवर्तन होने लगी | कुछ समय बाद एक लड़की से अच्छी मित्रता हो गई उसको अपनी सभी बाते बताने लगे लेकिन कुछ ही समय बाद उस लड़की ने उनके ऊपर कई आरोप लगा कर अपने आप को सही साबित किया और मुझे पूरी तरह से गिरा दिया तभी एक सोच पैदा हुई कि जो युवा वर्ग के लड़के लडकिया गलत रास्ते पर जा रहे है धोके खा रहे है उनको सही रास्ते पर लाना उसके पिछे एक ही सोच रखी कि कई लड़कियां लड़के ऐसे जिंदगी में होते है जो चालबाज़ होते है जिसको दूसरे से ज्यादा अपनी चिंता रहती है और लोग ऐसे लड़के लड़कियों के चक्कर मे आ कर अपनी जिंदगी खराब कर लेते है युवा वर्ग को सही रास्ते पर लाने के लिए
महाराणा सेवा संस्था के अध्यक्ष बन कर फिर से एक नई उमीद के साथ आया लेकिन बात वही खत्म नही हुई रास्ते सोच और मंजिल सब बदल गई अब महाराणा सेवा संस्था के हर कार्य को अपना समझा जीवन को ओर लोगो को आगे बड़ाने के लिए मेहनत करने लगा आज महाराणा सेवा संस्था मध्यप्रदेश में अपना नाम कर रही है साथ ही आगे जा कर पूरी दुनिया मे एक नाम होगा अब संकल्प लिया कि किया जीना आपने लिए सच्चा इंसान वही होता है जो लोगो के लिए जिए जब मुझ पर इतनी तकलीफ आ सख्ती है तो उन लोगो पर किया होता होगा जिनके साथ कोई नही है आज 2% लोग ही सच्ची सेवा कर रहे है अगर जिंदगी में सफल होना है तो मानव सेवा से बड़ कर दुनिया मे कुछ नही होता सन्देश देना चाहता हु की समय एक जैसा नही होता कर्म करते रहे बुरे समय भी अच्छा लगे गा कई परिवार को देखा है कि समय अच्छा था जब किसी की परवाह नही की अपने घमण्ड में मस्त रहे पर ईश्वर हर समय इंसान को परखने की कोशिश करता है समय कैसा भी हो पर मानव सेवा करते रहे बुरा वक्त कभी नही आये गा कहा जाता है कर्म अच्छे तो भिखारी भी अमीर बन जाता है और अमीर भिखारी अगर कर्म नही किए हो तो सोच बड़ी हो संकल्प बड़ा हो कोई काम नही मुश्किल का जब किया इरादा पक्का